न्यूटन का परिचय और उनके खोज एवं सिद्धान्त

 न्यूटन का परिचय- ( Isaac Newton )


Isaac Newton का जन्म 25 दिस्म्बर 1642 (4 जनवरी 1643 नई शैली ) को इंग्लैंड के Woolsthorpe नामक एक छोटे से गाँव में जन्मे थे। इनके पिता जन्म के बाद ही इनको छोड़ कार चले गए थे, जिस कारण इंका जीवन बहोत ही कठिनाई पूर्ण गुजरा। न्यूटन एक प्रमुख भौतिकीविद और गणितज्ञ थे, जिन्होंने अपने मेहनत के डैम पूरे विज्ञान जगत को बादल कर रख दिया। इनहोने गुरुत्वाकर्षण के नियमों कि खोज में महत्वपूर्ण योगदान दिया, ईंके काम ने वैज्ञानिक समझ को सुधारा और आगे बढाया। न्यूटन की मृत्यु 20 मार्च 1726 (31 मार्च 1727 नई शैली ) को लंदन इंग्लैंड में हुआ था।

न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण की खोज कैसे की -

Newton ने गुरुत्वाकर्षण की खोज गणितीय और वैज्ञानिक समस्याओं को समझाने के लिए की जब उन्हें उन विचारों का सामना करना पड़ा जो उन्हें उनकी नजरिए से स्पष्ट नहीं थे। एक घटना जब वे सेब के पेड़ के नीचे बैठ के आराम कर रहे थे, तब अचानक से एक सेब नीचे गिरा तब उनके मन में एक प्रश्न उत्पन्न हुआ की क्यों सेब नीचे वह स्थायी स्थिति में क्यों नहीं रहा। इस प्रश्न ने उन्हें गुरुत्वाकर्षण के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया। Newton ने यह समझा कि क्या एक नियम या तत्व इसके पीछे है, और उन्होंने अपने गणितीय और वैज्ञानिक ज्ञान का उपयोग करके गुरुत्वाकर्षण के नियमों को प्रकट किया। उन्होंने यह सिद्ध किया कि हर दो वस्तुओं के बीच में एक आकर्षण बना रहता है, जो विलम्बित गति में उन्हें एक-दूसरे की ओर आकर्षित करता है। इस खोज ने विज्ञान की एक नई दिशा दी और गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत न्यूटन की प्रमुख और सबसे महत्वपूर्ण खोजों में से एक बन गया।

न्यूटन के गति के नियम (Newton's law of Motion )-

पहाल नियम: जड़त्व का नियम (Law of inertia)


यह नियम गति के संरक्षण का नियम है, जिसके अनुसार यदि कोई वस्तु विरमा अवस्था में है तो वह अपनी अवस्था को बनाए रखेगी जब तक की उसपे कोई वाह्य बल लगा के उसकी अवस्था में परिवर्तन करने पर विवश न किया जाय, इसे जड़त्व का नियम भी कहते हैं।

दूसरा नियम: संवेग का नियम ( Law of momentum )



न्यूटन का दूसरा नियम, किसी वस्तु पर लगाने वाला बल उसके द्रव्यमान और त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है। (F = MA) [बल =द्रव्यमान × त्वरण ] जैसे किसी विराम में स्थित कार को धक्का लगाना।


न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार, प्रत्येक क्रिया के बराबर तथा विपरीत दिशा में  प्रतिक्रिया होती है।  जैसे बंदूक से निकली गोली, राकेट का आगे बढ़ाना 

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